Friday, November 19, 2010

'निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन'





'निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन' -

निमित्त मात्र होना अर्थात दाहिना हाथ थक गया

तो बाएं हाथ से लड़ने की तैयारी रखना


- विनोबा भावे


प्रस्तुति : राजकुमार भक्कड़


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Thursday, November 18, 2010

रामायण जी का उपदेश..........

विषय के समान कोई नशा नहीं है

यह मुनियों के मन को भी क्षण भर में मोही बना देता है


- रामायण

प्रस्तुति : राजकुमार भक्कड़


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Wednesday, November 17, 2010

देवउठणी ग्यारस की हार्दिक बधाइयां





मनुष्य
के जीवन में

वह सबसे बुरी घड़ी होती है

जब वह बिना परिश्रम किये धन कमाना चाहता है

-
अज्ञात महापुरूष


प्रस्तुति : राजकुमार भक्कड़


देवउठणी ग्यारस की हार्दिक बधाइयां स्वीकार करें

Monday, November 1, 2010

वे वृद्ध नहीं हैं जो धर्म की बात न करें





वह सभा नहीं है जिसमे वृद्ध पुरूष हों,


वे वृद्ध नहीं हैं जो धर्म की बात करें,


वह धर्म नहीं है जिसमे सत्य नहीं


और ही उसे सत्य कहा जा सकता है

जो छल से युक्त हो



- महाभारत


प्रस्तुति : राजकुमार भक्कड़



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