आज के आधुनिक और तीव्रगामी युग में एक ओर जहाँ हम ये देख
कर दुखी और शर्मिंदा होते हैं कि नौजवान पीढ़ी अपने बुजुर्गों को
समुचित समय और सम्मान नहीं देती, बल्कि उनकी उपेक्षा करती
है वहीँ दूसरी ओर ऐसे लोगों को देख कर गर्व और हर्ष भी होता है जो
अपने बुजुर्गों को भगवान की तरह सम्मान देते हैं, उनकी सेवा करते
हैं और उनके बताये मार्ग पर चल कर लोक कल्याण के कार्य करते हैं
कल यानी 27 अक्टूबर की रात अहमदाबाद के एस जी राजमार्ग पर
स्थित ओनेस्ट बेंक्वेट हॉल में एक ऐसा ही सुन्दर नज़ारा देखने को
मिला जहाँ नवगठित अग्रबंधु युवामंच द्वारा ऑस्ट्रेलिया और
न्यूज़ीलैंड की 22 दिवसीय यात्रा से लौटे 32 सदस्यीय बुजुर्ग दल के
सम्मान में आयोजित स्नेह-मिलन समारोह में न केवल अपने
अभिभावकों का स्वागत-सत्कार किया गया अपितु उन्हें ये भरोसा
भी दिलाया गया कि अग्रबंधुओं की नई पीढ़ी के युवा लोग अपने
पुरखों द्वारा चलाये जा रहे लोक कल्याण के कार्यों को निरन्तर जारी
रखते हुए अपनी भाषा, अपनी संस्कृति, अपने धार्मिक अनुष्ठान-
उत्सव और अपने पारम्परिक व्यवहारों को सदैव सुचारू रखेंगे ।
वरिष्ठ समाजसेवी श्री बाबूलाल रूंगटा के मुख्य आतिथ्य में
विश्वविख्यात भजन गायक श्री नंदू भैया, अग्रबंधु एसोसिएशन के
अध्यक्ष श्री जय किशन गुप्ता, उप अध्यक्ष श्री एच पी गुप्ता, महामंत्री
श्री बाबूलाल अग्रवाल व सौजन्यकर्ता श्री माधवशरण अग्रवाल
समेत सैकड़ों गण-मान्य लोगों की उपस्थति में अग्रबंधु युवामंच
के संयोजक श्री राजकुमार भक्कड़ ने सभी मेहमानों का स्वागत
किया और युवामंच की स्थापना को समय की ज़रूरत बताते हुए
इसका परिचय दिया . अपने सारगर्भित भाषण में श्री भक्कड़ ने
कहा कि समाजसेवा की ज़िम्मेदारी केवल हमारे बुजुर्गों की ही नहीं
है, वे तो करते रहे हैं और करते रहेंगे परन्तु ये परम्परा सतत
गतिमान रहे इसके लिए नौजवान लोगों का एक स्वतन्त्र संगठन
होना ज़रूरी है । सदैव सूखी रहने वाली साबरमती नदी जो आजकल
नर्मदा के जल से लबालब भरी दिखती है का उदाहरण देकर उन्होंने
कहा कि जिस नदी को सहायक नदियों का सम्बल नहीं मिलता वे
एक न एक दिन सूख ही जाया करती हैं ।
गुजरात प्रदेश अग्रवाल समाज के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल, परम
श्रद्धेय श्री नंदू भैया, श्री बाबूलाल रूंगटा और श्री जय किशन गुप्ता आदि
अनेक वक्ताओं ने श्री भक्कड़ की बात का पुरजोर समर्थन किया और
अपना आशीर्वाद देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि महाराजा अग्रसेन
से चली आ रही समाजसेवा की वह अमृतधार जिसे अब तक
अग्रबंधुओं ने प्रवाहित रखा है, आगे भी यों ही गतिमान रहेगी ।
समारोह में यात्रा से लौटे बुजुर्गों का अभिनन्दन किया गया तथा
एक स्लाइड शो के ज़रिये पूरी यात्रा के नज़ारे देखे व दिखाए गये ।
इस मौके पर यात्रियों ने अपने तमाम मधुर अनुभव भी सुनाये
जिससे माहौल में लगातार रोचकता बनी रही ।
आशा है आपको ये रिपोर्ट पसन्द आयेगी । कृपया अपनी प्रतिक्रिया
से अवगत कराएं ।
- पूजा आर. भक्कड़

ये तो बहुत अच्छी खबर है इस आयोजन से समाज को अच्छा संदेश जायेगा। आभार।
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